देवी सिंह भाटी करेगें जड़ी बूटियों से असाध्य रोगों ईलाज

बीकानेर। चाहे कैंसर हो या एड्स या किसी प्रकार को असाध्य रोग हो। अब उसका शत प्रतिशत ईलाज संभव है। इसके लिये दो से चार माह के वक्त ही ठीक होने में लगेगा। यह दावा पूर्व मंत्री देवीसिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों के समक्ष किया है। उन्होंने कहा कि कृष्णा वैली नाम की ये जड़ी बुंटी नाम की ये दवा कैं सर ही नहीं बल्कि एडस जैसी बीमारी का ईलाज निश्चित रूप से होगा। भाटी ने बताया कि गुजरात के बापी जिले के उमरगांंव नगरपालिका में जगजीवन बापू की समाधि स्थल पर पी जे दम्माणी नाम के व्यक्ति द्वारा यह जड़ी बुंटी दी जाती है। जिससे रोग के कीटाणु नष्ट हो जाते है।
इन रोगियों को मिली राहत पूर्व मंत्री ने बताया कि इस बात की प्रमाणिकता के जीते जागते उदाहरण 78 वर्षीय हजारी राम कुम्हार है। जिन्हें चौथे स्टेज का प्रोटेस्टेट कैंसर हो गया था। जिसकी जानकारी उन्हें एक अगस्त 2017 को मिली। जिसके बाद उन्होंने मेरे से सम्पर्क किया और मैंने उन्हें ये जड़ी बुंटी उपलब्ध करवाई। तीन माह बाद जब हजारीराम ने पुन: इसकी जांच करवाई तो चिकित्सकों ने उन्हें कैंसर नहीं होने की बात कही। इसी तरह पलाना निवासी मघाराम सियाग को जीभ का कैंसर होने पर सियाग ने भी इसी जड़ी बुंटी का सेवन किया। जो कारगर साबित हुई और आज वे कैंसर रोग पर विजय प्राप्त कर चुके है। भाटी ने बताया कि रेडियोथैरेपी के बाद रोग का ईलाज नहीं हो सकता। इसलिये रोगी को जानकारी हासिल होने के साथ वे इस जड़ी बुंटी का उपयोग कर असाध्य रोग से निजात पा सकते है। उन्होंने बताया कि आंख से ग्रसित रोगों का भी शत प्रतिशत ईलाज इस जड़ी बुंटी से संभव है।
दवा कंपनियों व सरकार की मिलीभगती से एैलॉपैथी को बढ़ावा
भाजपा के कद्दावर नेता ने आरोप लगाया कि बजट में सरकारें 96 प्रतिशत बजट एैलॉपैथी के लिये देती है और 4 प्रतिशत अन्य चिकित्सा पद्वतियों पर। ये दवा कंपनियों व सरकारों की मिलीभगती का नतीजा है कि ऐलॉपैथी को इतना बढ़ावा मिल रहा है। भाटी ने कहा कि दुर्भाग्य की बात ये है कि सरकारें दारू से राजस्व बढ़ाने के लिये तो टॉरगेट तय करती है। जबकि जीवन रक्षक दवाईयों पर टैक्स लगाया जा रहा है। इससे साफ जाहिर है कि किस तरह मिलीभगती का खेल चल रहा है।
सरकारें डरती है वोटरों से
भाटी ने कहा कि कोई भी सरकार हो वोट बंट न जायें। इसका डर उन्हें लगा रहता है। नहीं तो देश में कल ये हालात नहीं होते। अगर किसी कानून में बदलाव करना ही था तो पूर्व में ही हर वर्ग के लोगों को आपस में बैठाकर उनसे वार्ता की जाती तो उग्र स्थिति नहीं होती। भाटी ने कहा कि सांप निकलने के बाद लाठियां पीटी जाती है। सरकारें घटनाओं के बाद महज बयानबाजी करती है। इन सरकारों के भरोसे तो लोग मर जायेंगे।
समाज के लोग क्यों नहीं आये आगे
बंद के दौरान बीकानेर में बिगड़े हालात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाटी ने कहा कि इस प्रकार के आन्दोलन को रोकने के लिये प्रदर्शन करने वाले समाज के नेताओं को आगे आना चाहिये था। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की ओर ईशारा करते हुए कहा कि समाज के वरिष्ठ नेता न तो आगे आकर शांति की अपील की और न ही समझाईश की। उस समाज के सभी दलों के नेता मूकदर्शक बनकर बीकानेर में उग्रता को देखते रहे। लगता है सोमवार को जो कुछ हुआ वह गलत था। इससे समाज बंटने की स्थिति हो गई। सरकार व प्रशासन को अंदेशा होने के बाद भी मौन रहना आश्चर्य की बात थी।
नहीं लडूंगा विधानसभा चुनाव
पूर्व मंत्री भाटी ने एक बार फिर घोषणा की वे आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लडगें। बल्कि समाज व राजनीति में सुधार के लिये प्रयास करता रहेंगे। घरेलू नुस्खों व जड़ी बुंटियों के जरिये रोगियों को ठीक करने का काम कर सेवा करते रहेंगे। राज्य की वर्तमान राजनीतिक हालातों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाटी ने कहा कि आज कं ट्रोल नाम की कोई चीज नहीं है। पहले सरकारों के  नियत्रंण में काम होता था,परन्तु आज हालात बेकाबू है। अब सरकारें प्रजातांत्रिक नहीं कॉरपेट व्यवस्था के आधार पर चल रही है। पार्टी के बाहर और पार्टी के अंदर भी निर्णयों में फर्क आ जाता है। इस अवसर भाटी के प्रेस प्रवक्ता सुनील बांठिया भी मौजूद थे।