समाज में परिवर्तन लाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं चुरु के परमवीर

चुरु जिले के भोरूग्राम की धूलभरी गलियों में पले-बढ़े परमवीर सिंह अब उदयपुर के जनजातीय क्षेत्रों के लोगों के जीवन में बदलाव ला रहे हैं। 24 वर्षीय यह युवक आदिवासियों के उत्थान के माध्यम से सामाजिक कल्याण करने के लिए तत्पर है। सरकारी नौकरी प्राप्त करने या फिर महानगरों की ओर रूख करने वाले अपने साथियों के विपरीत परमवीर सिंह में सामाजिक कल्याण के प्रति गहरा जुनून है। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर से रूरल मैनेजमेंट में एमबीए कर रहे परमवीर सिंह वर्तमान में भोरूग्राम के अनेक युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत बन चुके हैं।
भोरूग्राम से स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद परमवीर के पास अपने पिता के फैमिली बिजनेस से जुड़ने का विकल्प भी मौजूद था। परमवीर जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए कार्य करना चाहते थे, जबकि उनके अधिकांश साथियों की पसंद सरकारी नौकरी थी। परमवीर कहते हैं ‘सामाजिक सेवा में दिलचस्पी होने के बावजूद मुझे यह पता नहीं था कि इसके लिए कैसे और कहां से शुरुआत करनी है। ऐसे में मुझे आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी और इसके रूरल मैनेजमेंट कोर्स के बारे में जानकारी मिली।
ग्रेजुएशन के बाद परमवीर ने आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर में रूरल मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम में एडमिशन लिया। वे कहते हैं ‘यूनिवर्सिटी के इस कोर्स के माध्यम से उन्हें फाइनेंशियल इन्क्लूजन, रूरल हैल्थ और लाइवलीहुड जैसे विषयों के बारे में गहराई से जानने का अवसर मिला। यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदान किए जाने वाले ऑफ-कैम्पस लर्निंग ने उन्हें फील्ड वर्क एवं संगठनात्मक कौशल में जमीनी स्तर पर काम करने योग्य बनाया।‘
इस कोर्स के तत्काल पश्चात् उदयपुर के एक एनजीओ द्वारा परमवीर का चयन किया गया। इस एनजीओ द्वारा उदयपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में जनजातीय समुदायों के कल्याण एवं एनवायरमेंटल संस्टेनेबिलिटी के  कार्य किये जाते हैं। परमवीर कहते हैं ‘दूरस्थ एवं वंचित क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता काफी हद तक आजीविका की संभावनाओं पर निर्भर होती है। हम जनजातीय लोगों को प्राकृतिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग करने के अतिरिक्त महिला सशक्तिकरण एवं बाल संरक्षण की क्षमता निर्माण के लिए शिक्षित करने का प्रयास करते हैं। परमवीर के पिता राजस्थान के चुरु जिले में स्थित भोरूग्राम में एक छोटी सी दुकान चलाते हैं।
परमवीर यहां स्थानीय लोगों के लिए कृषि, वानिकी, हैल्थकेयर, वाटर हार्वेस्टिंग तथा प्राकृतिक संसाधनों के पुनरोद्धार एवं प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल होते हैं। इसके अतिरिक्त ऐसी महिलाएं एवं लड़कियां जिनकी आधारभूत शिक्षा तक पहुंच नहीं है, के लिए चलाए जाने वाले एजुकेशन सेंटर्स में सहायता करते हैं।
जब परमवीर से पूछा गया कि वे रूरल मैनेजमेंट के क्षेत्र में कॅरिअर बनाने के प्रति इतने उत्सुक क्यों हैं, तो परमवीर ने बताया कि ‘जब हम गरीबों और सुविधाओं से वंचित लोगों के लिए कार्य करते हैं तो हमारे द्वारा प्राप्त पुरस्कारों की तुलना में आत्मसंतुष्टि और अधिक मूल्यवान हो जाती है। लोगों की सेवा करने से जरूरतमंद लोगों के कल्याण पर तत्काल एवं गहरा असर पड़ता है। इससे आप लोगों को अधिक मजबूत एवं आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करते हैं।