पदमश्री पण्डित उल्हास कशालकर हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायक का जयपुर में गायन आज
जयपुर, 09 मार्च, 2018। पदमश्री पण्डित उल्हास कशालकर हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायक आज जयपुर में ‘‘म्युजिक इन द पार्क‘‘ श्रंखला के तहत सेन्ट्रल पार्क में अपने गायन की प्रस्तुति देंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन राजस्थान सरकार का पर्यटन विभाग जयपुर विकास प्राधिकरण और स्पिक मैके की संयुक्त सहभागिता में आयोजित कर रहा है। यह संगीत भरे आयोजन के पीछे पर्यटन विभाग का मकसद राजस्थान को पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थान के रूप में स्थापित करना है।
एक आवाज, तीन घराने और तीनों ही घरानों की खालिस सच्ची प्रामाणिक गायकी, किसी एक कलाकार में ऐसी महारथ कम ही सुनने को मिलती है, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में पण्डित उल्हास कशालकर से तीन-तीन घरानों की शुद्ध गायकी सुनी जा सकती है। खयाल गायन के तीन प्रमुख घरानों, ग्वालियर, जयपुर-अतरौली और आगरा की गायन शैलियों पर उन्हें समान अधिकार है और वे इन तीनों घरानों के प्रतिनिधि गायक समझे जाते हैं।
पण्डित उल्हास कशालकर का जन्म महाराष्ट्र में नागपुर से हैदराबाद के बीच में एक छोटा-सा कस्बा है पंढरकोढ़ा में हुआ था। संगीत के प्रति उनका रुझान काफी बाल्यावस्था यानी जब वे 6 या 7 वर्ष के रहे होंगे तभी से था। उनके पहले संगीत गुरू उनके पिता नागेश दत्तात्रेय कशालकर जो पेशे से वकील थे रहे। उल्हास कशालकर ने संगीत अध्ययन के लिए नागपुर विश्वविद्यालय केा चुना और वहां से अव्वल दर्जे से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। इस दौरान उन्होंने राजभाऊ कोगजे और पी.एन. खड़नवीस की शागिर्दी में संगीत की शिक्षा ली। शुरूआत में उल्हास कशालकर आॅल इण्डिया रेडियो के मुम्बई स्टेशन पर बतौर प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव रहे। वर्ष 1993 में वे आईटीसी संगीत रिसर्च एकेडमी में गुरू बन गए। गौरतलब है कि यह कार्यक्रम सेन्ट्रल पार्क में शाम 6 बजे शुरू होगा। इस गायन को सुनने के लिए गेट नंबर 3 से सभी के लिए प्रवेश निःशुल्क रहेगा।
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