जलदाय मंत्री ने ली कोटा और बारां जिलों से जुड़ी पेयजल परियोजनाओं की समीक्षा बैठक

जयपुर, 7 मई। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि कोटा जिले की हरिपुरा मांझी पेयजल परियोजना पर राज्य सरकार 300 करोड़ रूपए खर्च कर क्षेत्र की जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि इसे परवन योजना की तरह अलग से स्वतंत्र योजना के रूप में विकसित किया जाएगा।
गोयल सोमवार को शासन सचिवालय परिसर में विभागीय अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक में चर्चा कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान बारां जिले के छबड़ा क्षेत्र की कछावन पेयजल परियोजनाओं से संबंधित घोषणाओं की क्रियान्विति के बारे में भी निर्देश दिए।   
उन्होंने बताया कि कोटा जिले में काली सिंध नदी पर स्थित हरिपुरा मांझी एनीकट से सांगोद विधानसभा क्षेत्र के 102 गांव एवं 20 मजरे, पीपलदा क्षेत्र के 44 गांव व 06 मजरे एवं लाड़पुरा क्षेत्र के 61 गांव एवं 26 मजरे इस प्रकार कुल 207 गांव एवं 52 मजरों को लाभान्वित किए जाएंगे, जिसकी अनुमानित लागत 297.48 करोड़ रूपए होगी। 
गोयल ने बताया कि इसी तरह बारां जिले के छबड़ा तहसील के कछावन गांव में पार्वती नदी  पर एनीकट का निर्माण कर छबड़ा के 16 गांव एवं 03 मजरों को लाभान्वित करने के 56.19 करोड़ रूपए की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार कर ली गई है। बैठक में प्रमुख शासन सचिव रजत कुमार मिश्र, संयुक्त शासन सचिव अनिल गुप्ता, मुख्य अभियंता डीएम जैन और अतिरिक्त मुख्य अभियंता हुकुमचंद वर्मा सहित कई अधिकारीगण उपस्थित रहे।