जयपुर, 26 मार्च। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित आश्रय पालना स्थल योजना की वार्षिक बैठक सोमवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान के सभागार में आयोजित हुयी। निदेशक जनस्वास्थ्य डाॅ. वी.के.माथुर की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में संबंधित चिकित्सालयों के प्रभारी अधिकारियों ने अपने-अपने चिकित्सालय प्रांगण में संचालित आश्रय पालना स्थलों की प्रगति की विस्तार से जानकारी दी। डाॅ.माथुर ने बताया कि प्रदेशभर में 68 आश्रय पालना स्थल मेडिकल काॅलेज, जिला चिकित्सालय, सैटेलाइट चिकित्सालयों के प्रागंण में ‘नवजात शिशु फेंके नहीं, हमें दें!‘ की थीम पर संचालित हैं एवं इन स्थलों पर अनजान व अनचाहे नवजात शिशुओं के आश्रय की सेवाएं संचालित हैं। उन्होंने बताया इन पालना स्थलों में वर्ष 2015 से अब तक कुल 131 नवजात शिशु अनजान व्यक्ति छोड़ कर गये हैं एवं उनकी स्वास्थ्य जांच करके उन्हें संबंधित शिशु गृहों को सौंप दिया गया है। उन्होंने बताया संतान सुख से वंचित दम्पत्ति आवश्यक कार्यवाही पूरी कर शिशु गृहों से इन नवजात को गोद ले सकता है। कार्यक्रम में आश्रय पालना केन्द्रों में आये बच्चों में से गोद लेने वाले वाले दम्पत्तियों का सम्मान भी किया गया। समीक्षा बैठक में सीफू निदेशक डाॅ.अमिता कश्यप, राज्य नोडल अधिकारी डाॅ.राजा चावला, डाॅ.जयसिंह, राज्य सलाहकार देवेन्द्र अग्रवाल एवं संबंधित जिलों के आश्रय केन्द्रों के प्रभारी अधिकारी व नर्सिंगकार्मिक मौजूद थे।
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