मतदान के बाद जुटाई अन्दरूनी रिपोर्ट ने भाजपा की बढ़ाई परेशानी
जयपुर। प्रदेश में तीन सीटों में हुए उपचुनाव का परिणाम इस बार चौकाने वाला होगा। अजमेर,अलवर लोकसभा और मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव का परिणाम 1 फरवरी को आएगा लेकिन उससे पहले ही प्रदेश भाजपा संगठन और सरकार की चिंता बढ़ गई है। प्रदेश भाजपा संगठन और सरकार की चिंता बढ़ने का एक बड़ा कारण मतदान के बाद जुटाई गई अन्दरूनी रिपोर्ट है। यह रिपोर्ट ग्राउंड जीरो से तैयार कर मंगलवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय और सीएमआर तक पहुंची। अन्दरूनी रिपोर्ट ने मतदान के ट्रेंड को देखते हुए मौजूदा परिस्थितियों में आने वाले उपचुनाव के परिणाम में बीजेपी की संभावित स्थिति को दर्शाया गया है। यह रिपोर्ट बीजेपी के लिए बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती है । रिपोर्ट में तीनों ही सीटों पर विपक्षी दल कांग्रेस के साथ कड़ी टक्कर होने के साथ ही यह भी बताया गया है कि इस बार जीत—हार का अंतर इन सीटों पर हुए पिछले बार हुए मुख्य चुनाव से बेहद कम रहेगा। अलवर में मुकाबला बेहद कड़ा है और इसमें सत्तारूढ़ बीजेपी को नुकसान की संभावना भी जताई गई है। वहीं अजमेर लोकसभा सीट उपचुनाव में भी जिस तरह पिछले चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी और मौजूदा पीसीसी चीफ सचिन पायलट जितने मतों से हारे था वो अंतर इस उपचुनाव में कांग्रेस पाट देगी। अजमेर लोकसभा में आने वाले 8 विधानसभा क्षेत्रों में से 5 में कांग्रेस को बड़ी बढ़त मिलने की संभावना भी इस अन्दरूनी रिपोर्ट में जताई गई है।
बीजेपी नेताओं में भी निराशा
प्रदेश भाजपा नेताओ में आने वाले उपचुनाव के परिणामों को लेकर खासा उत्साह नहीं दिख रहा। खासतौर पर वो नेता और पदाधिकारी जिन्हें इन उपचुनावों में संबंधीत क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार के लिए भेजा गया था वो भी अब मौका रिपोर्ट के आधार पर कांटे के मुकाबला होने की बात कह रहे है। प्रदेश भाजपा मुख्यालय में मंगलवार को उपचुनाव के संभावित परिणामों को लेकर ही कयासों का दौर चलता रहा ।

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