संजीवनी किड्स का वार्षिकोत्सव: बच्चों की शानदार प्रस्तुतियों से अभिभावक अभिभूत 
जोधपुर। संजीवनी ग्रुप द्वारा संचालित संजीवनी किड्स प्री-स्कूल का वार्षिकोत्सव सीएमडी विक्रमसिंह इंद्रोई के सान्निध्य में शनिवार को टाउन हॉल में धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान नौनिहालों की एक से बढ़कर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। बच्चों ने विभिन्न प्रांतों की लोक संस्कृति को रंगमंच के कैनवास पर ऐसे उकेरा की अनेकता में एकता लिए संपूर्ण भारत वर्ष की छटा टाउन हॉल में साकार नजर आई। समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत थे। डीआईजी बीएसएफ रवि गांधी, जेडीए आयुक्त दुर्गेश बिस्सा, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ.अजय मालवीय, जिला शिक्षा अधिकारी ब्रह्मानंद शर्मा, नियो किड्स हॉस्पिटल डॉयरेक्टर डूंगरसिंह, कर्मचारी नेता शंभूसिंह मेड़तियां, संजीवनी के किशनसिंह चूली सहित कई गणमान्यों ने समारोह में बतौर अतिथि शिरकत की। अतिथियों ने नौनिहालों के शारीरिक व मानसिक विकास के साथ स्किल डवलपमेंट के लिए संजीवनी किड्स की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए नित नई ऊंचाइयों के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की। समारोह के दौरान बेस्ट एचीवमेंट के लिए बच्चों के साथ टीचर्स को पारितोषिक प्रदान कर सम्मानित किया गया। 

बच्चों ने लूटी वाहवाही 
समारोह का आगाज मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। तत्पश्चात छोटे बच्चों ने मां शारदे की वंदना की।  फिर शुरू हुआ बच्चों का ‘धूम-धड़ाका’ जो कार्यक्रम के अंत तक दर्शकों को बांधे रखा। संजीवनी किड्स शंकर नगर ब्रांच के बच्चें ‘चंदा चमके चम-चम..’ व बीजेएस ब्रांच के नौनिहाल ‘रोली पॉली डांस डांस’ रिद्म पर थिरके तो समूचा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। बनाड़ ब्रांच के नर्सरी व प्रेप में अध्ययनरत बच्चों ने ट्रेडिशनल फॉक सॉग ‘बूमरू बूमरू श्याम रंग बुमरू..’ व ‘कश्मीर तू मैं कन्याकुमारी..’ बीट पर ‘धूमल’ डांस से कश्मीर की संस्कृति को साकार किया। इसी प्रकार संजीवनी की विभिन्न ब्रांच के बच्चों ने गुजरात का गरबा, महाराष्ट्र का लावण्य, केरल के लूंगी व राजस्थान के घूमर सहित कई राज्यों के फॉक सॉन्ग पर लोक नृत्य प्रस्तुत कर वहां की कला व संस्कृति का शानदार चित्रण कर वाहवाही बटोरी। 
पीपीटी से संजीवनी का सफरनामा 
दीपाली राठौड़ ने पीपीटी से संजीवनी ग्रुप की विकास यात्रा के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि संजीवनी ने कम समय में जो बुलंदियां छुई वह अनुशासन, कठिन मेहनत व दृढ़ इच्छा शक्ति का नतीजा है। संजीवनी ग्रुप ने 2008 में अपनी यात्रा शुरू की जो विभिन्न वेंचर के साथ निरंतर गतिशील है। संजीवनी ने हमेशा इनोवेटिव आइडियाज के साथ नवाचार किया है। संजीवनी की जोधपुर शहर में शंकर नगर, बालसमंद, बीजेएस व बनाड़ में ब्रांच है। यह पहली प्री-स्कूल है जो आईएसओ 9001:2015 सर्टिफाइड है। इन स्कूल्स में बच्चों के स्किल डवलपमेंट पर विशेष फोकस कर उनके भविष्य के निर्माण की दिशा में सकारात्मक प्रयास किए जाते हैं। 
संजीवनी ने साकार किया उद्देश्य: शेखावत 
  केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने कहा कि संजीवनी ग्रुप के सीएमडी विक्रमसिंह राठौड़ मिस्टर परफेक्टनिस्ट है। जब इन्होंने अपने बहुत सारे वेंचर के साथ स्कूल का वेंचर शुरू किया था तो मुझे वो दिन भी याद है उस दिन भी मैने कहा यदि आपने काम हाथ लिया है तो निश्चित रूप से आप सफल होंगे। ये अपने आप में समाज की सेवा और बहुज बड़ा योगदान होगा। संजीवनी को केवल व्यवसायिक प्रतिष्ठान नहीं कहें अपने ट्रांसफॉर्मेशन के रोल में पूरे प्रदेशभर में आए, इस दृष्टिकोण से हमको काम करना चाहिए। जितना में इनकी पर्सनेलिटी को जानता हूं पूरे विश्वास से कह सकता हूं की उन्होंने जो भाव उस दिन रखा था उस पर पूरा न्याय करने का प्रयास किया है। संजीवनी किड्स ने अपने दर्शन की आप सब परिजनों के सामने बैठकर चर्चा की है। आप सब लोगों के सामने अपने विजन को रखा। वार्षिकोत्सव इंट्रोस्पेक्शन का एक आंसर होता है कि वो इंट्रोस्पेक्शन हम जिस उद्देश्य के निमित कार्य कर रहे वो कितना पूरा हो रहा है। इसी उद्ेश्य को संजीवनी ने साकार किया है। हम जिस दर्शन के साथ काम कर पा रहे है इस ट्रांसफार्मेशन की गलतियों को स्वीकार करने की आश्यकता है। 
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति नया काम तब ही कर पाएगा जब वह गलती करेगा। गलतियों के साथ बच्चों को हतोत्साहित नहीं करें। वो बिहेवियर मिस करता है तो उसे समझाने की आवश्यक ता है। उसकी क्षमताओं को पहचानकर उसे उस दिशा में कार्य करने दें। जिसके लिए भगवान ने उसे बनाया है। जिस क्षेत्र में आपके बच्चे में जीजीविषा है उस दिशा में बच्चों को आगे बढ़ाने में सहयोग कीजिए। संजीवनी इस दिशा में कार्य कर रही है। हम सब इस दिशा में काम कर हैं। ग्लोबल कंपटीशिन के लिए बच्चे को एक्सल करें और पूरी दुनिया में नाम रोशन करें। ट्रांसफॉर्मेशन के वाहक बने। ट्रांसफॉर्मेशन को बनाने वाले बनें। 
..ताकि बच्चे का कॉन्फिडेंट लेवल हो ग्रो-अप: इंद्रोई
संजीवनी गु्रप के सीएमडी विक्रमसिंह इंदोई ने कहा कि बहुत सारे लोग कह सकते हैं बच्चा परर्फोम नहीं कर रहा था लेकिन प्री-स्कूल कन्सेप्ट के तहत बच्चा नैचुरल तरीके से परफोर्मेंस कर रहा था। उनके अंदर की नैचरल परफोर्मेस को इस स्टेज पर देखा, नेचुरल ‘वे’ देखा। ये एक प्रयास करने की पहल है। संजीवनी एक मात्र ऐसी संस्था जो प्री-स्कू ल होने के बाद भी एन्युअल फंक्सन करती है। बच्चा अपने कांफिडेंट लेवल को ग्रो-अप कर सकें, स्टेज पर आकर सेल्फ कॉन्फिडेंट हो जिस ‘वे’ से वह अपने आप को प्रजेंट करना चाहता है उस ‘वे’ से वो अपने आप को प्रजेंट करें ये हमने इन बच्चों में देखा है। उन्होंने कहा कि जो कुछ हमारे अंदर हैं वो बच्चे में जाता हैं। बच्चे अपने आसपास के वातारण से सीखता है। कहीं न कहीं से हमारे बच्चों मे ‘बैड हैबिट डवलपमेंट’ होती है, तो स्कूल व अभिभावक की कोशिश से इसे दूर किया जा सकता है। स्कूल व अभिभावक ही बच्चों को आकर दे सकता है। इसलिए समय-समय पर होने वाली पैरेंट्स मीटिंग में अभिभावक का उपस्थित रहना बहुत जरूरी होती है ताकि बच्चे की परफोर्मेंस पर मंथन हो सकें। उसके भीतर की बैड हैबिट को दूर किया सकें। इस दौरान उन्होंने संजीवनी किड्स की यात्रा के संदर्भ में सक्षिप्त जानकारी दी। संचालन शीतल और शिवांगी ने किया। रावलसिंह, रणजीतसिंह सहित स्कूल स्टाफ, अभिभावक व सैकड़ों लोग उपस्थित थे। 
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