35 वर्षाें में पहली बार भारतीय रेलवे पर दुर्घटनाओं का आंकड़ा 100 से कम

ट्रेक नवीनीकरण, अनुरक्षण कार्य तथा स्टाफ ट्रेनिंग से संरक्षा सुदृढ़, उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2017-18 में मात्र 5 रेल दुर्घटनाएं जयपुर। रेलवे में संरक्षा को सदैव ही प्रथम स्थान पर रखा जाता है और संरक्षा को सुदृढ़ किये जाने के लिए अनेक कार्य किये जा रहे है, जिससे रेल संचालन को संरक्षित व सुगम बनाया जा सकें। इसके लिए ट्रेक अनुरक्षण पर विशेष बल दिया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रेलवे पर वर्ष 2017-18 में सम्पूर्ण रेलवे पर रेल दुर्घटनाओं के केवल दो अंको में कुल 73 मामले दर्ज किये गये हैं। यह संख्या विगत 35 वर्षों में पहली बार 100 से कम है। 
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी तरूण जैन के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे पर विगत वर्षों में ट्रेक नवीनीकरण, अनुरक्षण, नई तकनीक तथा स्टाफ प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ट्रेक नवीनीकरण पर वर्ष 2017-18 के बजट में 252 प्रतिशत वृद्धि के साथ 442 करोड़ रू. का बजट आवंटन किया गया तथा इस वर्ष के बजट में इस मद पर 540 करोड़ रूपये का बजट प्रदान किया गया है। ट्रेक के सृदृढ़ीकरण के कार्यों के परिणामस्वरूप इस रेलवे पर वर्ष 2017-18 में मात्र 5 रेल दुर्घटनाएं घटित हुई है। 
सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर संरक्षा को सुदृढ़ करने के लिये पुराने ट्रेन को नवीनीकरण तथा समयानुसार अनुरक्षण के कार्य पर विशेष बल दिया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रेलवे पर वर्ष 2017-18 में 73 रेल दुर्घटनाएं दर्ज की गई है। रेल संचालन में संरक्षा प्रमुख ध्येय है तथा रेलवे का प्रयास है कि संरक्षा कार्यो में किसी भी प्रकार नहीं आये और यात्रियों को सुरक्षित उनके गतंव्य तक पहुचाना प्राथमिकता में सम्मलित है।