राजधानी जयपुर में गहराता जल संकट

जयपुर। राजस्थान नाम आते ही रेगिस्ताान की तस्वीर सामने आती है,ऐसे में जल संकट से जूझते राजस्थानवासियों की चिंता की लकीरे गर्मीयों में ओर बढ जाती है। भूजल विभाग की ओर से हाल ही में जारी आंकड़ों ने चिंता और बढ़ा दी है। दरअसल प्रदेश में कुल 248 भूजल ब्लॉक है। इसमें 66% यानी 164 ब्लॉक डार्क जोन में है। 33 जिलों में फैले इस प्रदेश में 26 जिले डार्क जोन में हैं, जिनमें से एकमात्र अलवर जिला ऐसा है,जिसके सभी 14 ब्लॉक्स डार्क जोन में शामिल है। राजधानी जयपुर की बात करे तो उसकी स्थिति भी कुछ ठीक नहीं है। जयपुर के 13 ब्लॉक्स में से 12 डार्क जोन में है। 
गर्मीयों में होता ​है विशेष संकट
राजधानी में कुछेक इलाकों को छोड दिया जाए तो बाहरी अधिकांश क्षेत्र निजी ट्यूबवेल संचालकों की सप्लाई पर निर्भर है। जिसमें जेडीए अप्रुव्ड कॉलोनियों में भी निजी पानी सप्लाई होता है। लंबे समय से इन कॉलोनियों के निवासी जलभवन पर प्रदर्शन कर रहे है,लेकिन कोई हल नहीं निकल सका है। जयपुर में करीब 2500 बोरिंग है,जिनसे कॉलोनियों में पानी सप्लाई कर मोटा पैसा निजी ठेकेदार वसूल रहे है। जलदाय विभाग की ओर से ऐसे ठेकेदारों पर कोई अंकुश भी नहीं है। यहीं नहीं टेंकर संचालक भी आमतौर पर 200 से 250 में बिकने वाले टैंकरों की दरे 500 से 700 रूपए कर देते है।