हृदय रोग विशेषज्ञों ने की कई जटिल एवं रिस्की री-डू सर्जरी
जयपुर। देखा जा रहा हैं कि, ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही हैं जिन्हें हृदय संबंधि समस्याओं के साथ-साथ अन्य कई तरह की परेशानियां है। ऐसे मरीज भी काफी है जिनकी हार्ट सर्जरी पहले हो चुकी हैं और उन्हे री-डू सर्जरी (फिर से सर्जरी) की जरूरत पड़ रही है। ऐसे सर्जरी में काफी रिस्क की संभावना रहती है और यह चुनौतिपूर्ण एवं जोखिम भरा होता है। ऐसे में उपचार में एक्सपर्टस की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है और हाई रिस्क की श्रेणी के मरीजों की सफल पुन: सर्जरी करना अपने आप में एक उपलब्धि है। ऐसी ही उपलब्धि नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल,जयपुर के कार्डियक सर्जरी टीम ने प्राप्त की है।
राकेश (बदला नाम), निवासी - अलवर
उम्र - 65 वर्ष
पिछले सात वर्ष में दो बार एंजियोप्लास्टी और एक बाईपास सर्जरी से गुजर चुके हैं। हृदय में फिर से मल्टीपल ब्लॉकेज बन गए, जिसके लिए पुनरू सर्जरी की आवश्यकता थी। नारायणा हॉस्पीटल में री-डू बाईपास सर्जरी सफल रही और ब्लॉकेज ठीक कर दिए गए।
बिहारी लाल (बदला हुआ नाम), सीकर
उम्र- 61 वर्ष
दो बार वॉल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी हो चुकी थी, तीसरी बार फिर से सर्जरी की आवश्यकता पड़ी। वॉल्व में टिश्यू के बढने से वॉल्व बाधित हो रहा था जिससे सांस लेने में तकलीफ एवं हांफनी आ रही थी। वॉल्व रिप्लेसमेंट की री-डू सर्जरी के बाद अब परेशानी से निजात मिल चुका है।
लखानी लाल (बदला हुआ नाम), भरतपुर
उम्र- 90 वर्ष
इन्हें पूर्व में हार्ट अटैक आ चुका था और अब बार-बार छाती मे दर्द की परेशानी रहती थी। दवाईयों का भी काई असर नहीं हो रहा था। इसलिए इनके परिजन चाहते थे की इनकी बाईपास सर्जरी हो जायें ताकि राहत मिल सके। नारायणा हॉस्पिटल की टीम ने सभी रिस्क को मैनेज करते हुए सफल बाईपास सर्जरी कर, इन्हें नई जिन्दगी दी।
इन सभी मामलों में समानता यह हैं कि पूर्व में मरीज किसी अन्य अस्पताल में कार्डियक सर्जरी या उपचार करा चुके थे।
विशिष्ट हार्ट सेन्टर का ही करें चुनाव-
नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जरी के एच.ओ.डी एवं चीफ कार्डियक सर्जन डॉ. सी.पी. श्रीवास्तव ने बाताया कि “इस तरह की उच्च जोखिम वाली सर्जरी करने के लिए जरूरी हैं प्रत्येक जटिलताओं से निपटने का आंकलन करने वाली टीम। एक्स्पर्ट विशेषज्ञ सभी हाई रिस्क फैक्टर्स को अत्याधुनिक तकनीक एवं अपने अनुभव के साथ हैण्डल कर सकते हैं जो छोटे सेन्टर्स पर उपलब्ध नहीं होता। हमारी यह सलाह हैं की सही निदान एवं सुरक्षित ईलाज के लिए मरीज सिर्फ विशिष्ट एवं अनुभवी हार्ट सेन्टर्स का ही चुनाव करें”। सर्जन को ऑपरेशन टेबल पर कई चुनौतियों एवं जटिलताओं का सामना करना पड़ता हैं, ऐसे में सही निर्णय लेने के लिए काफी अनुभव एवं दक्ष कार्डियक सर्जन होना जरूरी है।
जटिल सर्जरी में हैं अनुभव महत्वपूर्ण-
नारायणा हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ. अंकित माथुर ने कहा कि “हार्ट के ऐसे मरीज जिनकी पहले से सर्जरी हो चुकी होती है और दोबारा ऑपरेशन की जरूरत आ पड़ती है या फिर ज्यादा उम्र के रोगी या ऐसे मरीज जिन्हे हार्ट के साथ-साथ अन्य गंभीर बिमारियों की शिकायत हो अथवा जिन्हे हार्ट की ही कई तरह की बिमारियां हो -ऐसे मरीज हाई रिस्क की श्रेणी में आते है।
हाई रिस्क एवं री-डू सर्जरी के मरीजों का हुआ सफल इलाज -
नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पीटल की जोनल क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. माला ऐरन ने कहा कि, ऐसा देखा गया है की जिन मरीजों में हाई रिस्क फैक्टर्स हैं या उन्हें पुनः सर्जरी की आवश्यकता है, उन का सफल इलाज नारायणा जैसे स्पेशलाइज्ड सेन्टर्स में ही हो सकता है जहाँ सर्जिकल और सपोर्ट टीम को काफी अनुभव हो। हमारी कार्डियक टीम सिर्फ राजस्थान ही नहीं उत्तर भारत के अनेक पेशेंट्स का सफलतापूर्वक इलाज कर चुकी है। हमारे यहां किफायती और अत्याधुनिक तकनीकों से उन्नत इलाज होता है।
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